



ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) का 60वां पुण्य स्मृति दिवस ब्रह्माकुमारी शाखा गुरसराय में आज मनाया गया। इस मौके पर उनकी याद में ब्रह्ममुहूर्त से देर रात तक योग-तपस्या का दौर जारी रहा। वहीं सुबह पुष्पांजली अर्पित करते हुए गुरसराय केंद्र प्रभारी बी के कविता दीदी ने बताया वर्ष 1919 में अमृतसर के साधारण परिवार में मम्मा का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम ओम राधे था। जब आप ओम की ध्वनि का उच्चारण करती थीं तो पूरे वातावरण में गहन शांति छा जाती थी, इसलिए भी आप ओम राधे के नाम से लोकप्रिय हुईं। आप बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और प्रतिभावान थीं। ब्रह्मा बाबा ने कोई भी ज्ञान की बात आपको कभी दोबारा नहीं सिखाई। आप एक बार जो बात सुन लेती थीं उसी समय से अपने कर्म में शामिल कर लेती थीं। 24 जून 1965 को आपने अपने नश्वर देह का त्याग करके संपूर्णता को प्राप्त किया था।
1965 तक मुख्य प्रशासिका की निभाई
जब माताओ-बहनों के नाम एक ट्रस्ट बनाया तो उसकी जिम्मेदारी सबसे पहले मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) को दी गई थी। तब से लेकर 24 जून 1965 तक आपने इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय की बागडोर बड़ी ही कुशलता के साथ निभाई। कम उम्र होने के बाद भी आपका गंभीर व्यक्तित्व और ज्ञान की गहराई से सभी अचंभित रह जाते थे। इस कार्यक्रम में बी के पूजा दीदी, बी के कल्याणी दीदी, भारत यादव, प्रकाश राजपूत, प्रमोद भाई, प्रहलाद भाई, धर्मेंद्र भाई अन्य माताएं बहने सम्मिलित रही।