June 24, 2025 10:30 am

जीवात्मा एवं परमात्मा का मिलन है महारास-ब्रजेश त्रिपाठी

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गुरसराय में गरौठा रोड स्थित विरारी के सिद्ध सरकार पर चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन भगवान कृष्ण की महारास लीला का वर्णन किया गया।

राष्ट्रीय भागवत आचार्य पंडित बृजेश त्रिपाठी महाराज ने कहा कि भगवान ने अपनी व्यापकता का बोध कराने को चीर हरण लीला की। जीव एवं परमात्मा के बीच मे माया रूपी आवरण पड़ा रहता है, जिससे जीव के निकट रहते हुए भी वह परमात्मा को नहीं जान पाता। इसलिए भगवान ने माया रूपी आवरण का हरण किया और अपनी व्यापकता का ज्ञान गोपियों को कराया।

महारास लीला के वर्णन में उन्होंने कहा कि यह साधारण स्त्री पुरुष का मिलन नहीं है। यह जीवात्मा एवं परमात्मा के मिलन की लीला है।सभी गोपियाँ दिव्य आत्माएं, महाऋषि है जो कृष्ण रस का पान करने को गोपियों के रूप में आये। परमात्मा रस स्वरूप है। उस परमात्मा के रस का रसास्वादन की विधि ही महारास है।

भागवत का मूल पाठ आचार्य हरेन्द्र शास्त्री कर रहे हैं।

संगीतमय कथा में ऑर्गन एवं सह गायन पर बीरेन्द्र यादव, तबला पर धर्मेंद्र कौशिक, पैड पर नीलू ने संगत की।

कथा की आरती परीक्षित पूरनलाल भगत ने की।

प्रातः काल मे

यज्ञाचार्य डॉक्टर रमाकांत पटेरिया के नेतृत्व में विष्णु महायज्ञ किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम 21 अप्रैल तक चलेगा।

इस मौके पर संगीतगुरु पं परशुराम पाठक, मेजर अखिलेश पिपरैया, पी सी सी सदस्य रमेश मौर्य, पूर्व पार्षद द्वारिका प्रसाद भगत, कैलाश प्रकाश गुप्ता, पं नितुल व्यास, अरविंद निरंजन, देवेन्द्र सिंह घोष, हरी प्रकाश यादव जय सिंह यादव, सुरेन्द्र सिंह भगत, रामप्रकाश निरंजन, श्रीधर पस्तोर, प्रसिद्ध नारायण यादव, मनोज शर्मा, सरमन लाल, महेश पप्पू सोनी, विनोद पटेल, महावीर पटेल, सत्यप्रकाश चतुर्वेदी, नृसिंह घोष, धनीराम ठेकेदार, सुरेश अग्रवाल, अनिल कुमार सोनी, पुरुषोत्तम कुचवार आदि उपस्थित रहे।

 

रिपोर्ट-आशुतोष गोस्वामी