



गुरसरांय (झांसी)। आम जनता के लिए गुरसरांय में तालाब ऐतिहासिक माता मंदिर पूरे 60000 की आबादी के लिए लाइफ लाइन थी लेकिन इस तालाब को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 3 करोड़ रूपया देने के बाद इस तालाब को गहरीकरण और सुंदरीकरण के नाम पर तालाब को खाली कर दिया गया है जिस तालाब में पानी न होने के चलते गुरसरांय नगर के 80 प्रतिशत वार्डों में जल स्तर बुरी तरह गिर गया है तो दूसरी ओर तालाब का गहरीकरण और सुंदरीकरण का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है साथ ही कार्यदायी संस्था द्वारा यह काम 13 सितंबर 2024 को पूरा होकर जनता की सुविधा के लिए समर्पित हो जाना था लेकिन ठीक 8 महीने की अवधि गुजर जाने के बाद भी यह काम समाचार लिखे जाने समय तक पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है और काम के नाम पर महीनों में एक-दो दिन काम होता दिखता है तो दूसरी ओर इस तालाब को मार्च 2025 में पुनः खाली कराकर पानी निकाल दिया गया और यह तालाब अब खाली पड़ा हुआ है जिसके चलते गुरसरांय में जल संकट आपातकालीन स्थिति की ओर संकेत कर रहा है नगर व क्षेत्र के लोगों द्वारा बार-बार इस संबंध में तालाब भरने की समय से पूरा काम करने की शासन से मांग की गई है बावजूद इसके 4 मई 2025 तक यह तालाब खाली पड़ा हुआ है और काम के नाम पर मौके पर सिर्फ और सिर्फ लीपापोती दिख रही है इसको लेकर जल निगम से लेकर जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर भी सवाल पर सवाल उठ रहे हैं और लग रहा है जनता की कोई सुनने वाला नहीं है और जिन की जिम्मेदारियां व्यवस्था बनाने की थी और है लग रहा है वही अव्यवस्था फैला रहे हैं जिससे जनता के सामने भारी मुसीबतें खड़ी हो गई है साथ ही सरकार द्वारा भारी धन खर्च करने के बाद भी यहां पर काम की जगह अव्यवस्था फैलाने का माहौल बना हुआ है।
83 करोड़ की गुरसरांय-गरौठा पेयजल योजना अव्यवस्था की भेंट
83 करोड़ की लागत से गुरसरांय नगर और गरौठा टाउन क्षेत्र के लिए हर-घर नल-हर-घर-जल स्वच्छ पेयजल सालों पहले चालू हो जाना चाहिए थी लेकिन 4 मई 2025 तक इस योजना से गुरसरांय और गरौठा को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जबकि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार टेस्टिंग के नाम पर टेस्टिंग दौरान बताया गया की हर कीमत पर 15 अप्रैल 2025 को जनता के लिए पेयजल उपलब्ध हो जाएगा लेकिन वादे है वादे का क्या जनप्रतिनिधियों से लेकर जल निगम के अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली समझ से परे है और आम जनता पानी के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही है तो दूसरी ओर लग रहा है योगी सरकार के नियंत्रण मैं जल निगम के अधिकारी नहीं है जिसके चलते सरकार की छवि खराब हो रही है नगर व क्षेत्र की जनता ने शासन से इस संबंध में जल्द बड़ी कार्रवाई की मांग की है।