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चौदह घंटे पानी आंधी से बिजली रही ठप्प तो कई जगह मुख्य सड़कों पर बने प्रवेश द्वार हुए ध्वस्त
सम्बन्धित विभाग से लेकर प्रशासन के तुरंत इंतजाम न होने पर उठे सवाल
गुरसरांय(झांसी)। 21/22 मई की देर रात आंधी तूफान बारिश से बिजली जहां 14 घंटे से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी गुरसरांय नगर समेत पूरे ग्रामीण क्षेत्र में गायब रही वहीं किसी प्रकार 22 मई गुरुवार को बिजली चमकी और फिर चली गई। ऐसा क्रम देर शाम 7:00 बजे तक चलता रहा लेकिन बिजली विभाग समाचार लिखे जाने समय तक विद्युत व्यवस्था को पटरी पर लाने में नाकामयाब रहा। यहां तक कि सिंह वाहिनी टाऊन क्षेत्र गुरसरांय एरच मुख्य मार्ग पर खंभा तार टूटे हुए 7:00 बजे तक डले देखे गए। जो किसी घटना को जहां न्योता दे रहे हैं वहीं कई बाइक सवार इन खंभों से टकराकर गिर चुके थे। लेकिन विद्युत विभाग की नाकामयाबी कहने की जरुरत नहीं प्रत्यक्ष तौर से गुरसरांय समेत पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में देखी जा सकती है। यहां सवाल उठता है कि विद्युत विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में स्टाफ ही नहीं है तो दूसरी ओर जो संविदा स्टाफ है उसको इतना कम इस महंगाई में वेतन दिया जाता है जो उनके परिवार के गुजारे के लिए ऊंट के मुंह में जीरा बराबर है। जबकि उनसे काम जोखिम भरा लिया जाता है। ऐसी विद्युत विभाग की अधिकारी उन पर काम करने का अधिक दबाव भी नहीं डाल सकते हैं। यह सारी परिस्थितियां स्थिति विद्युत विभाग के आलाधिकारियों से लेकर विद्युत मंत्री को होते हुए भी कोई सुधार न होना जनता से लेकर संविदा कर्मियों और हर और आम और खास आदमी के लिए परेशानी का सबक बना हुआ है। जिसके चलते अब बिजली को लेकर लोगों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। बिजली विभाग के साथ आंधी तूफान वर्षा की चपेट में कई गुरसरांय आस-पास क्षेत्र में मुख्य सड़कों पर बने प्रवेश द्वार भी गिरकर धराशायी हो गए हैं। गुरसरांय-कोटरा रोड पर मडो़री के आगे और दूसरा प्रवेश द्वार अस्ता गांव के आगे गिरा हुआ देखा गया। जबकि इसके पहले झांसी-रामनगर रोड पर सरसैडा़ के निकट प्रवेश द्वार पहले ही गिर चुका है।
बताया गया है यह सभी प्रवेश द्वार एमएलसी रमा निरंजन की निधि के द्वारा बनवाया जाना बताया गया है और अभी पंचायत चुनाव भी एक साल में होने को लेकर गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है और ग्राम प्रधान से लेकर क्षेत्र पंचायत,जिला पंचायत और इसके बाद स्थानीय निकाय से एलएलसी भी चुनाव होते हैं। लेकिन जिस तेजी से आंधी तूफान बारिश से जन जीवन लोगों का अस्त व्यस्त हुआ है। उस तेजी से संबंधित विभागों से लेकर प्रशासन द्वारा सुचारू रूप से व्यवस्था बहाल हेतु कदम न उठाए जाने से लग रहा है कि अधिकारियों द्वारा अपनी जवाबदेही को पूरी तरह नजर अंदाज किया जा रहा है। जिससे जनता बुरी तरह परेशान है। अब देखना है जिला प्रशासन से लेकर शासन और जनप्रतिनिधि व्यवस्था सुधार में क्या भूमिका अदा करते हैं।