June 24, 2025 9:16 am

राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति का उत्तम होना अति आवश्यक – कथाव्यास

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ककरवई। समीपस्थ चकाडोरी सरकार पर चल रहे श्रीराम महायज्ञ में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास दीनबंधु दास जी महाराज ने पाण्डवों एवं परीक्षित की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि किसी भी राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति ठीक होनी चाहिए, पाण्डवों के राज्य में तीनों सकुशल चलते थे। आगे उन्होंने कहा अपने परिश्रम से कमाई हुई वस्तु का दान करना चाहिए। अधर्म की कमाई में कलयुग का बास होता है। परीक्षित की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि परीक्षित का जन्म अभिमन्यु और उत्तरा के गर्भ से हुआ था, जब अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया तो भगवान श्रीकृष्ण ने परीक्षित की रक्षा की और बाद में उन्हें जीवित किया, जिससे उनका नाम परीक्षित पड़ा।शमीक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ने परीक्षित को श्राप दिया कि वह सात दिन में नागराज तक्षक से डसकर मर जाएगा, राजा परीक्षित ने सात दिनों तक भागवत कथा का श्रवण किया जिससे परीक्षित का उद्धार हुआ। यज्ञाचार्य डॉक्टर दिनेश विदुआ वाराणसी द्वारा यज्ञ यजमानों से वेदमंत्रो के द्वारा हवन कुण्ड में आहुतियां डलवाई गई। रामशरण दास जी महाराज द्वारा रामचरित मानस की कथा सुनाई गई। कथा की आरती परीक्षित डॉक्टर एल आर मिश्रा ने की। इस मौके पर प्रमुख रूप से यज्ञ आयोजक महंत राकेश दास जी महाराज, यज्ञ के मुख्य यजमान गोविन्द सिंह परमार महेशचंद्र बिदुआ, अरविंद्र गुप्ता, धर्मेंद्र यादव गुरसरांय, सुरेंद्र व्यास, श्याम सिंह यादव, दिनेश, दशरथ मिश्रा, रामसिंह, रामकुमार उपाध्याय, बिनोद कुमार द्विवेदी, मयंक उपाध्याय, पीतम यादव, विश्वनाथ यादव, दीपक पटेल, बृजेश त्रिपाठी, संजय खरे, राधे पंडा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।

 

रिपोर्ट-आशुतोष गोस्वामी