June 24, 2025 9:39 am

कलयुग में हरी नाम संकीर्तन मुक्ति का साधन-ब्रजेश त्रिपाठी भागवत कथा का हुआ समापन

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गुरसरांय में गरौठा रोड स्थित विरारी के सिद्ध सरकार पर चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन भगवान कृष्ण के परम सखा सुदामा जी की कथा के साथ भागवत कथा का समापन हो गया।

 

राष्ट्रीय भागवत आचार्य पंडित बृजेश त्रिपाठी महाराज ने कहा कि संतोषी ही परम धनवान होता है। इसलिए सुदामा जी परम सन्तोषी होने के कारण परम धनवान थे।

उन्होंने कहा शिक्षा के अनेक गुरु बनाये जा सकते है लेकिन दीक्षा गुरु एक ही होना चाहिए।

कलयुग में भगवान का हरी नाम संकीर्तन ही मुक्ति का सरल उपाय है। परमात्मा को भक्ति एवं ज्ञान मार्ग से प्राप्त किया जा सकता है, जिसमे भक्ति मार्ग सबसे सरल उपाय है।

भागवत का मूल पाठ आचार्य हरेन्द्र शास्त्री कर रहे हैं।

कथा के समापन पर भजनों की प्रस्तुति पर श्रोता जमकर नाचे।

संगीतमय कथा में ऑर्गन एवं सह गायन पर बीरेन्द्र यादव, तबला पर धर्मेंद्र कौशिक, पैड पर नीलू ने संगत की।

कथा की आरती परीक्षित पूरनलाल भगत एवं पूर्व पार्षद द्वारिका प्रसाद भगत ने की।

 

यज्ञाचार्य डॉक्टर रमाकांत पटेरिया के नेतृत्व में विष्णु महायज्ञ किया जा रहा है।

इस मौके पर संगीतगुरु पं परशुराम पाठक, मेजर अखिलेश पिपरैया, पी सी सी सदस्य रमेश मौर्य, कैलाश प्रकाश गुप्ता, पं नितुल व्यास, अरविंद निरंजन, देवेन्द्र सिंह घोष, हरी प्रकाश यादव जय सिंह यादव, सुरेन्द्र सिंह भगत, रामप्रकाश निरंजन, श्रीधर पस्तोर, प्रसिद्ध नारायण यादव, मनोज शर्मा, सरमन लाल, महेश पप्पू सोनी, विनोद पटेल, महावीर पटेल, सत्यप्रकाश चतुर्वेदी, नृसिंह घोष, धनीराम ठेकेदार, सुरेश अग्रवाल, अनिल कुमार सोनी, पुरुषोत्तम कुचवार, श्रीकांत मिश्रा, राम कुमार यादव आदि उपस्थित रहे।

 

रिपोर्ट-आशुतोष गोस्वामी